• चार दिवसीय फेस्टिवल का मुख्यमंत्री के हाथों उद्घाटन
नागपुर, नवम्बर (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
मनुष्य में मानवीय संवेदनाएँ होती हैं, और इन संवेदनाओं को अभिव्यक्त करने का वरदान उसे प्राप्त है। भाषा, साहित्य और पुस्तकें उसकी अभिव्यक्ति के प्रमुख माध्यम हैं। जहाँ अभिव्यक्ति समाप्त होती है, वहीं संस्कृति भी समाप्त हो जाती है। इसलिए परिपक्व संस्कृति को संजोकर रखना आवश्यक है, और इस सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने का कार्य पुस्तकें करती हैं। नागपुर पुस्तक महोत्सव के अंतर्गत आयोजित ज़ीरो माइल लिटरेचर फ़ेस्टिवल के माध्यम से परिपक्वता बढ़ेगी और जन-जागरूकता विस्तृत होगी। इस फेस्टिवल में विविध विषय प्रस्तुत किए जाएंगे, जिनसे विचार-क्षमता बढ़ेगी और परिपक्व व्यक्तित्व का निर्माण होगा, ऐसा विश्वास मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने व्यक्त किया।
नेशनल बुक ट्रस्ट (NBT) इंडिया, महाराष्ट्र शासन और ज़ीरो माइल यूथ फ़ाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित नागपुर बुक फ़ेस्टिवल 2025 के अंतर्गत चार दिवसीय “ज़ीरो माइल लिटरेचर फ़ेस्टिवल” का उद्घाटन आज मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किया। यह साहित्य महोत्सव 23, 24, 29 और 30 नवंबर को रेशीमबाग मैदान में आयोजित किया जा रहा है। उद्घाटन कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. पंकज भोयर, महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के कुलपति एवं साहित्य अकादमी की उपाध्यक्ष डॉ. कुमुद शर्मा, लेखक एवं शिव-कथाकार विजयराव देशमुख, एनबीटी अध्यक्ष प्रो. मिलिंद मराठे, निदेशक युवराज मलिक, ज़ीरो माइल यूथ फ़ाउंडेशन के मार्गदर्शक सत्यनारायण नुवाल, अध्यक्ष अजय संचेती, निदेशक समय बनसोड आदि मान्यवर उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि नागपुर अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है। यह शहर कई ऐसी ऐतिहासिक घटनाओं का साक्षी रहा है, जिन्होंने देश को दिशा दी। गोंड राजाओं ने सार्वजनिक पुस्तकालयों की परंपरा शुरू कर ज्ञान-संस्कृति को विकसित किया। भोसले काल में हिंदवी स्वराज्य के विस्तार में नागपुर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज का साहित्य उच्चकोटि का है। श्रीपाद कृष्ण कोल्हटकर, राजा बढे, राम शेवाळकर, महेश एलकुंचवार, सुरेश भट, ग्रेस, वि.भि. कोलते, ग.त्र्यं. माडखोलकर, मारुति चितमपल्ली, परशुराम खुणे जैसे अनेक साहित्यकारों ने इस संस्कृति को समृद्ध किया है। विदर्भ की भूमि भाषा-संगम की भूमि है, जहाँ मराठी और हिंदी साहित्य की समानांतर समृद्ध परंपरा देखने को मिलती है। लिटरेचर फ़ेस्टिवल के माध्यम से नागपुर के सांस्कृतिक वातावरण में बड़ा परिवर्तन होगा, उन्होंने कहा।
उन्होंने आगे कहा कि जानकारी तब तक जानकारी ही रहती है जब तक वह ज्ञान में परिवर्तित नहीं होती। यदि जानकारी को ज्ञान में बदलना है और स्वयं को ज्ञानी व्यक्ति के रूप में स्थापित करना है, तो पुस्तकों का कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने युवा पीढ़ी तक पुस्तकें पहुँचाने की आवश्यकता पर बल दिया।
मुख्यमंत्री ने नागपुर बुक फ़ेस्टिवल के सफल आयोजन की सराहना की। एनबीटी देशभर में पठन-संस्कृति पुनर्स्थापित करने का उत्कृष्ट कार्य कर रहा है। इस पहल का हिस्सा होने के नाते नागपुर पुस्तक महोत्सव नई ऊँचाइयाँ छुएगा, ऐसा विश्वास उन्होंने व्यक्त किया।
इसके पूर्व, मुख्यमंत्री ने विविध पुस्तक-प्रकाशन स्टॉलों का दौरा किया और बाल-मंडप में विद्यार्थियों से संवाद साधा।
वाचन संस्कृति को बढ़ावा देने की जरूरत : राज्य मंत्री डॉ. पंकज भोयर
स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. पंकज भोयर ने कहा कि आज के समय में पढ़ने की आवश्यकता सबसे अधिक है और इसी भावना से इस महोत्सव का आयोजन किया गया है। डिजिटल माध्यमों के कारण पढ़ने की संस्कृति को खतरा पैदा होने की चिंताओं के बीच यह पुस्तक महोत्सव और भी महत्वपूर्ण बन जाता है। पढ़ने की संस्कृति को विकसित करने की आवश्यकता है। इस महोत्सव में 300 से अधिक प्रकाशक और 15 लाख से अधिक पुस्तकें उपलब्ध हैं। विद्यार्थियों और नागरिकों को इसका बड़ा लाभ मिलेगा। उन्होंने नागरिकों से इस महोत्सव में अवश्य सम्मिलित होने का आग्रह किया।
शिव-कथाकार विजयराव देशमुख ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम का प्रास्ताविक NBT अध्यक्ष प्रो. मिलिंद मराठे ने किया। संचालन वेदिका मिश्रा ने किया और आभार प्रदर्शन युवराज मलिक ने किया।
.jpeg)

0 टिप्पणियाँ