केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने संचार साथी ऐप के नियमों को स्पष्ट करते हुए कहा कि संचार साथी, पूरी तरह से लोकतांत्रिक और स्वैच्छिक है। उपयोगकर्ता अपनी सुविधानुसार इसके लाभों को उठाने के लिए ऐप को सक्रिय कर सकते हैं, और वे इसे किसी भी समय अपने डिवाइस से डिलीट कर सकते हैं।
नागरिक-प्रथम और पूर्णतः प्राइवेसी-सेफ प्लेटफॉर्म
केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा कि हर नागरिक की सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार की सर्वोच्च जिम्मेदारी है। संचार साथी उसी दिशा में एक मज़बूत कदम है, जो हर मोबाइल यूज़र को सशक्त, सुरक्षित और जागरूक बनाता है। यह निगरानी का माध्यम नहीं, बल्कि जनभागीदारी पर आधारित एक पारदर्शी डिजिटल सुरक्षा प्लेटफॉर्म है। उन्होंने बताया कि यह ऐप और पोर्टल नागरिकों को अपने मोबाइल नंबर की सुरक्षा, फर्जी कनेक्शनों की पहचान, खोए-चोरी हुए फोन की ट्रैकिंग और साइबर ठगी से बचाव जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में सक्षम बनाता है।
संचार साथी का प्रभाव और मापनीय परिणाम
अपने शुभारंभ के बाद से, संचार साथी ने अच्छे परिणाम दिए हैं:
- 21.5 करोड़ से अधिक पोर्टल विज़िट
- 1.4 करोड़ से अधिक ऐप डाउनलोड
- नागरिकों द्वारा "नॉट माई नंबर" चुनने से 1.43 करोड़ से अधिक मोबाइल कनेक्शन काट दिए गए
- 26 लाख खोए/चोरी हुए मोबाइल फोन का पता लगाया गया, जिनमें से 7.23 लाख सफलतापूर्वक वापस किए गए
- नागरिक रिपोर्टों के आधार पर 40.96 लाख धोखाधड़ी वाले कनेक्शन काटे गए
- धोखाधड़ी से जुड़े 6.2 लाख आईएमईआई ब्लॉक किए गए
- वित्तीय धोखाधड़ी जोखिम संकेतक (एफआरआई) के माध्यम से 475 करोड़ रुपये के संभावित वित्तीय नुकसान को रोका गया।
साइबर सुरक्षा ही है सुरक्षा संचार साथी का मूल लक्ष्य
केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने बताया कि ऐप के कॉल लॉग फीचर के माध्यम से किसी भी संदिग्ध नंबर की शिकायत दर्ज की जा सकती है, जिससे नागरिक स्वयं और दूसरों को संभावित धोखाधड़ी से बचा सकते हैं। सिंधिया ने कहा कि डिजिटल सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। संचार साथी पूरी तरह स्वैच्छिक, उपयोगकर्ता-केंद्रित और पारदर्शी है, जो देश के मोबाइल उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए समर्पित है। किसी भी तरह का समझौता किए बिना ऐप को सक्रिय करना या डिलीट करना सब कुछ नागरिक के पूर्ण नियंत्रण में है।

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