सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेश प्रशासनों के माध्यम से अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए केंद्र प्रायोजित 'मैट्रिक के बाद छात्रवृत्ति योजना' लागू करता है।
यह योजना अनिश्चितकालीन और मांग-आधारित है। केंद्र सरकार द्वारा प्राप्त आवेदनों की पुष्टि करने और अपने 40 प्रतिशत राज्य हिस्से (पूर्वोत्तर राज्यों के लिए 10 प्रतिशत) को जारी करने के बाद ही केंद्र सरकार को राज्य हिस्से के भुगतान का डेटा उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि केंद्र सरकार छात्रवृत्ति के 60 प्रतिशत केंद्रीय हिस्से (पूर्वोत्तर राज्यों के लिए 90 प्रतिशत) को सीधे लाभार्थियों के आधार से जुड़े बैंक खाते में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से जारी कर सके।
पिछले पांच वित्तीय वर्षों के लिए संशोधित अनुमानों (आरई) और वास्तविक व्यय (एई) का विवरण नीचे सारणीबद्ध किया गया है:
यह जानकारी केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री श्री रामदास अठावले ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
यह योजना अनिश्चितकालीन और मांग-आधारित है। केंद्र सरकार द्वारा प्राप्त आवेदनों की पुष्टि करने और अपने 40 प्रतिशत राज्य हिस्से (पूर्वोत्तर राज्यों के लिए 10 प्रतिशत) को जारी करने के बाद ही केंद्र सरकार को राज्य हिस्से के भुगतान का डेटा उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि केंद्र सरकार छात्रवृत्ति के 60 प्रतिशत केंद्रीय हिस्से (पूर्वोत्तर राज्यों के लिए 90 प्रतिशत) को सीधे लाभार्थियों के आधार से जुड़े बैंक खाते में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से जारी कर सके।
पिछले पांच वित्तीय वर्षों के लिए संशोधित अनुमानों (आरई) और वास्तविक व्यय (एई) का विवरण नीचे सारणीबद्ध किया गया है:
यह जानकारी केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री श्री रामदास अठावले ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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