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समिति की सिफारिशों के आधार पर संशोधित विज्ञापन दरों के साथ सरकार ने प्रिंट मीडिया के लिए समर्थन बढ़ाया

बढ़ती इनपुट लागतों से निपटने और समाचार पत्रों को डिजिटल युग में प्रतिस्पर्धा करने में मदद करने के लिए दरों में संशोधन किया गया

सरकार ने प्रिंट मीडिया के लिए विज्ञापन दरों की जांच करने और संशोधन की सिफारिश करने के लिए 11 नवंबर 2021 को 9वीं दर संरचना समिति (आरएससी) का गठन किया।
समिति ने इंडियन न्यूजपेपर सोसाइटी (आईएनएस)ऑल इंडिया स्मॉल न्यूजपेपर्स एसोसिएशन (एआईएसएनए)स्मॉल-मीडियम-बिग न्यूजपेपर्स सोसाइटी (एसएमबीएनएस) और बड़ेमध्यम और छोटे प्रकाशनों के अन्य प्रतिनिधियों सहित हितधारकों की एक विस्तृत श्रृंखला से परामर्श किया।
समिति ने प्रिंट मीडिया संचालन को प्रभावित करने वाले कई लागत मापदंडों का आकलन कियाजैसे कि समाचार पत्र की लागत में वृद्धिमुद्रास्फीति के रुझानप्रक्रिया और उत्पादन व्ययकर्मचारी वेतन देनदारियांआयातित कागज की कीमतें और अन्य प्रासंगिक इनपुट।
इन आकलनों के आधार परइसने सर्वसम्मति से सिफारिशें प्रस्तुत कींजिन्हें सरकार ने स्वीकार कर लिया।
सरकार ने समिति की सिफारिशों पर सहमति व्यक्त की हैजिनमें रंगीन विज्ञापनों के लिए दी जाने वाली प्रीमियम दरों और विशिष्‍ट स्थान निर्धारण से संबंधित सिफारिशें शामिल हैं।
विज्ञापन दरों में संशोधन बढ़ती इनपुट लागत और डिजिटल प्लेटफॉर्म से प्रिंट मीडिया के लिए बढ़ती प्रतिस्पर्धा के अनुरूप है।
राजस्व में वृद्धि से परिचालन को बनाए रखने और स्थानीय समाचार प्रणालियों को मजबूत करने में मदद मिलेगी। बेहतर वित्तीय स्थिरता से प्रिंट मीडिया संगठनों को बेहतर सामग्री निर्माण में निवेश करने में भी सहायता मिलेगीजिससे जनहित को अधिक प्रभावी ढंग से पूरा किया जा सकेगा।
विविध मीडिया परिदृश्य में प्रिंट मीडिया की निरंतर प्रासंगिकता को पहचानते हुएसरकार का उद्देश्य नागरिकों तक अपने संचार और सूचनाओं का अधिक प्रभावी प्रसार सुनिश्चित करना है।
सूचना एवं प्रसारण एवं संसदीय कार्य राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने आज लोकसभा में श्री सुरेश कुमार शेतकरश्री विजयकुमार उर्फ ​​विजय वसंत और श्री मणिकम टैगोर बी द्वारा उठाए गए प्रश्नों के उत्तर में यह जानकारी दी।

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