‘एमआईटी एडीटी’ विश्वविद्यालय में स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन हार्डवेयर प्रतियोगिता का उत्साह
लोनी कालभोर, दिसंबर (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
एमआईटी आर्ट, डिज़ाइन एवं टेक्नोलॉजी विश्वविद्यालय, पुणे में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के इनोवेशन सेल तथा एआईसीटीई के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित राष्ट्रीय स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन-2025 (एसआईएच-2025) की हार्डवेयर श्रेणी की अंतिम प्रतियोगिता में ऑप्टीवीस (एआईसीटीई), वेलोट्रीज (रक्षा मंत्रालय) तथा ट्रेलब्लेज़र्स (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय) की टीमों ने नवोन्मेषी विचारों के साथ विजेता का खिताब अपने नाम किया। वहीं इनो-कोर (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय), क्लच एसआईएच (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय), नेफ्रॉन तथा आरोग्य शील्ड (दोनों केरल सरकार के स्वास्थ्य विभाग) ने अपने-अपने वर्गों में संयुक्त रूप से प्रथम स्थान प्राप्त किया।
पाँच दिनों तक चली एसआईएच-2025 की राष्ट्रीय हार्डवेयर श्रेणी की अंतिम प्रतियोगिता के लिए एमआईटी एडीटी विश्वविद्यालय महाराष्ट्र का एकमात्र चयनित नोडल केंद्र रहा। इसमें देशभर से आंध्र प्रदेश, बिहार, हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, कर्नाटक, केरल, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान तथा तमिलनाडु राज्यों की कुल 25 टीमों का चयन किया गया था।
प्रतियोगिता के दौरान प्रतिभागी विद्यार्थियों ने एआईसीटीई, रक्षा मंत्रालय, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा केरल सरकार के स्वास्थ्य विभाग के समक्ष उपस्थित विभिन्न समस्याओं पर वैकल्पिक एवं व्यावहारिक समाधान प्रस्तुत किए। अंतिम चरण में प्रत्येक वर्ग की विजेता टीमों की नवोन्मेषी परियोजनाओं का विभिन्न स्तरों पर विशेषज्ञ परीक्षकों द्वारा मूल्यांकन किया गया। सभी विजेता टीमों को भारत सरकार की ओर से ट्रॉफी, प्रमाण-पत्र तथा प्रत्येक टीम को डेढ़ लाख रुपये की पुरस्कार राशि प्रदान की गई।
समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह में केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय के सलाहकार डॉ. राघवप्रसाद दास, एआईसीटीई के सहायक निदेशक डॉ. राकेश कुमार गंजू, आयआयटी बॉम्बे कें प्रोफेसर डॉ. नरेंद्र शहा, एमआईटी एडीटी विश्वविद्यालय की प्रोवोस्ट प्रो. डॉ. सायली गणकर, प्र-कुलपति डॉ. रामचंद्र पुजेरी, डॉ. मोहित दुबे, कुलसचिव डॉ. महेश चोपड़े, एसआयएच केंद्र प्रमुख गणेश भिसे, नोडल केंद्र प्रमुख डॉ. निशांत टिकेकर, प्रतियोगिता संयोजक प्रो. सुरेश कापरे सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ. राघवप्रसाद दास ने कहा कि एसआईएच-2025 केवल एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि विद्यार्थियों का नवाचार महाकुंभ है। विद्यार्थियों द्वारा भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों की समस्याओं पर प्रस्तुत किए गए समाधान यह दर्शाते हैं कि हम ‘विकसित भारत’ की संकल्पना से अब दूर नहीं हैं। देश की युवा पीढ़ी भारत के विकास की यात्रा में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली है। ऐसे युवाओं को अपनी नवोन्मेषी क्षमताओं को विश्व के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए एसआईएच-2025 जैसा सशक्त मंच उपलब्ध कराने हेतु उन्होंने भारत सरकार का अभिनंदन एवं आभार व्यक्त किया। साथ ही, इस प्रतियोगिता के सफल आयोजन हेतु एमआईटी एडीटी विश्वविद्यालय में प्रो. डॉ. मंगेश कराड के नेतृत्व में समस्त कर्मचारियों द्वारा किए गए परिश्रम की उन्होंने सराहना की।
विश्वविद्यालय की प्रोवोस्ट प्रो. डॉ. सायली गणकर ने भी विद्यार्थियों द्वारा सुलझाई गई विभिन्न समस्याओं की समीक्षा करते हुए कहा कि भारत के विकास के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) तथा स्मार्ट ऑटोमेशन जैसी तकनीकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने प्रतियोगिता के सुव्यवस्थित आयोजन के लिए एमआईटी एडीटी विश्वविद्यालय की पूरी टीम की प्रशंसा की।
विश्व शांति प्रार्थना के साथ आरंभ हुए इस कार्यक्रम का प्रस्तावना भाषण प्रो. कापरे ने किया, आभार प्रदर्शन डॉ. टिकेकर ने किया तथा मंच संचालन प्रो. स्नेहा वाघटकर ने किया।
परिणाम (संक्षेप में) :
एआईसीटीई- ऑप्टीवीस (चंडीगढ़ विश्वविद्यालय, पंजाब)
रक्षा मंत्रालय- वेलोट्रीज (एसआरएम इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, तमिलनाडु)
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय- ट्रेलब्लेज़र्स (मेप्को श्लेंक इंजीनियरिंग कॉलेज, तमिलनाडु)
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय- इनो-कोर (केजीआईएसएल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, कोयंबटूर)
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय- क्लच एसआईएच (दयानंद सागर इंजीनियरिंग कॉलेज, बेंगलुरु)
केरल सरकार, स्वास्थ्य विभाग- नेफ्रॉन (बजाज इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, उत्तर प्रदेश)
केरल सरकार, स्वास्थ्य विभाग- आरोग्य शील्ड (एमआईटी एडीटी विश्वविद्यालय, पुणे)

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