मांजरी, दिसंबर (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
संविधान हमारे देश का सर्वोच्च मार्गदर्शक है और इसका सम्मान करना प्रत्येक नागरिक की ज़िम्मेदारी है। छात्रों को संविधान के मूल्यों को अपनाना चाहिए और समाज में अच्छा बदलाव लाना चाहिए। यह विचार विश्वास इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंस के संचालक एडवोकेट प्रसाद कोद्रे ने व्यक्त किए।
भारतीय संविधान दिवस के अवसर पर विश्वास इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंस में संविधान पढ़ने और शपथ समारोह का आयोजन किया गया था तब वे बोल रहे थे। यहां सर्वश्री शैलेंद्र बेल्हेकर, राजेश आरणे, कुशल मोरे, गौरव जाधव, हेमंत घुले प्रमुख अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इस अवसर पर उपस्थित छात्रगण, अध्यापक व कर्मचारियों ने भारतीय संविधान के उद्देश्यों, मूल्यों और लोकतांत्रिक सिद्धांतों का पालन करने की शपथ ली। कार्यक्रम की शुरुआत भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पहार अर्पण करके की गई। इसके बाद उपस्थितियों ने संविधान की प्रस्तावना पढ़ी और देश की एकता, संप्रभुता, समानता और भाईचारे को बनाए रखने का दृढ़ निश्चय व्यक्त किया। इस पहल के कारण छात्रों में संविधान के बारे में जागरूकता व नागरिकता की ज़िम्मेदारियों के बारे में अधिक प्रमुखता से निहितता दिखाई गई।
उक्त गतिविधि का सफलतापूर्वक आयोजन दर्शन ईशी, संदीप मेमाणे, मोनिका तलेकर, रश्मी जाधव, पूजा पांगारे, अनुजा कांबले, अभिषेक भापकर, मनोहर मोरे व पांडुरंग बन्नर द्वारा किया गया था।
संविधान हमारे देश का सर्वोच्च मार्गदर्शक है और इसका सम्मान करना प्रत्येक नागरिक की ज़िम्मेदारी है। छात्रों को संविधान के मूल्यों को अपनाना चाहिए और समाज में अच्छा बदलाव लाना चाहिए। यह विचार विश्वास इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंस के संचालक एडवोकेट प्रसाद कोद्रे ने व्यक्त किए।
भारतीय संविधान दिवस के अवसर पर विश्वास इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंस में संविधान पढ़ने और शपथ समारोह का आयोजन किया गया था तब वे बोल रहे थे। यहां सर्वश्री शैलेंद्र बेल्हेकर, राजेश आरणे, कुशल मोरे, गौरव जाधव, हेमंत घुले प्रमुख अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इस अवसर पर उपस्थित छात्रगण, अध्यापक व कर्मचारियों ने भारतीय संविधान के उद्देश्यों, मूल्यों और लोकतांत्रिक सिद्धांतों का पालन करने की शपथ ली। कार्यक्रम की शुरुआत भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पहार अर्पण करके की गई। इसके बाद उपस्थितियों ने संविधान की प्रस्तावना पढ़ी और देश की एकता, संप्रभुता, समानता और भाईचारे को बनाए रखने का दृढ़ निश्चय व्यक्त किया। इस पहल के कारण छात्रों में संविधान के बारे में जागरूकता व नागरिकता की ज़िम्मेदारियों के बारे में अधिक प्रमुखता से निहितता दिखाई गई।
उक्त गतिविधि का सफलतापूर्वक आयोजन दर्शन ईशी, संदीप मेमाणे, मोनिका तलेकर, रश्मी जाधव, पूजा पांगारे, अनुजा कांबले, अभिषेक भापकर, मनोहर मोरे व पांडुरंग बन्नर द्वारा किया गया था।

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