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चिकित्सा व सामाजिक क्षेत्र में कार्यरत व्यक्तियों ने एचआईवी एड्स निर्मूलन हेतु जनजागृति में अहम योगदान देना चाहिए : कृपाल पलुस्कर

हड़पसर, दिसंबर (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
एचआईवी एड्स ने पूरी दुनिया के लिए खतरा निर्माण कर दिया है। चिकित्सा एवं सामाजिक क्षेत्र में काम करनेवाले व्यक्तियों ने एचआईवी एड्स निर्मूलन के लिए ठोस कदम उठाकर जनजागृति करने में अहम योगदान देना चाहिए। यह विचार के.पी. पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट के संस्थापक एडवोकेट कृपाल पलुस्कर ने व्यक्त किए।
विश्व एड्स दिन के अवसर पर नेशनल एड्स रिसर्च इंस्टीट्यूट (नारी) का के.पी. पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट के छात्रों ने दौरा किया, साथ ही वहां जारी कार्यों की समीक्षा भी की, तब उपस्थित छात्रों को संबोधित करते हुए वे बोल रहे थे। इस अवसर पर इंस्टीट्यूट की रिसर्च लैब, एचआईवी म्यूज़ियम सेंटर और एचआईवी पोस्टर प्रेजेंटेशन विभाग का के.पी. पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट के हड़पसर, पिंपरी, कात्रज-बालाजीनगर शाखा के छात्रों ने निरीक्षण किया। पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट के 200 से अधिक छात्रों ने इस गतिविधि में भाग लिया।
साथ ही विश्व एड्स दिन के अवसर पर सभी छात्रों ने समाज में एचआईवी के बारे में जनजागृति करने की शपथ ली। इस अवसर पर नेशनल एड्स रिसर्च इंस्टीट्यूट (नारी) की प्रमुख शास्त्रज्ञ डॉ. शीला गोडबोले और डॉ. अश्विनी शेटे ने एचआईवी के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की।
कार्यक्रम का आयोजन के.पी. पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट के संस्थापक एडवोकेट कृपाल पलुस्कर के मार्गदर्शन में प्राचार्य अश्विनी बांदल, प्रा. पूजा इंगरे, प्रा. शुभांगी खईकर, प्रा.भावना डांगी द्वारा किया गया था।

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