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अनाथ बच्चों को आरक्षण देने का निर्णय हृदय को छूने वाला; संघर्ष से आगे बढ़े युवा समाज के ‘रोल मॉडल’ बने : मुख्यमंत्री

862 अनाथ युवक-युवतियाँ आत्मनिर्भर बने : मुख्यमंत्री ने वर्षा निवास पर अनाथ युवाओं से साधा संवाद

मुंबई, दिसंबर (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)

अनाथ बच्चों को आरक्षण देने का निर्णय मेरे जीवन के सबसे संतोषजनक निर्णयों में से एक है। भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर द्वारा प्रस्तुत ‘समान अवसर’ के सिद्धांत से प्रेरित होकर राज्य सरकार ने 1 प्रतिशत अनाथ आरक्षण लागू किया है। इस निर्णय के कारण 862 अनाथ युवक-युवतियाँ आत्मनिर्भर होकर समाज में योगदान दे रहे हैं। हमारी सरकार की वर्षपूर्ति की यह सुंदर शुरुआत है। यह विचार मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने व्यक्त किए।
वर्षा निवास पर मुख्यमंत्री ने इस आरक्षण का लाभ लेकर सरकारी सेवा में नियुक्त हुए युवाओं से संवाद साधा। यहां विधान परिषद सदस्य श्रीकांत भारतीय और लाभार्थी युवा उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री  देवेंद्र फडणवीस ने कहा, आज मुझे मुख्यमंत्री पद की शपथ लिए एक वर्ष पूरा हुआ है। इस अवसर पर इतना सुंदर कार्यक्रम होना मेरे लिए भावनात्मक क्षण है। शासन द्वारा अनेक निर्णय लिए जाते है. अनेक निर्णय लेता है, लेकिन कुछ निर्णय मन को गहराई से छू जाते हैं, अनाथ आरक्षण का निर्णय ऐसा ही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने संविधान में ‘समान अवसर’ का सिद्धांत जोड़ा, पर यह समानता केवल सामाजिक आरक्षण तक सीमित नहीं रहनी चाहिए। अनाथ, दिव्यांग और वंचित घटकों को भी समान अवसर मिलना चाहिए। इसी विचार से 1 प्रतिशत अनाथ आरक्षण लागू किया गया, जिससे कई जीवनों में वास्तविक परिवर्तन आया।
मुख्यमंत्री ने कहा  कि हम जो कुछ भी प्राप्त करते हैं, वह समाज द्वारा बनाई गई व्यवस्था से संभव होता है। विद्यालय, संस्थाएँ, शासन और उद्योग सब मिलकर हमें अवसर देते हैं, इसलिए समाज को कुछ लौटाना हमारा कर्तव्य है। संघर्ष से आगे बढ़े ये युवा समाज में रोल मॉडल बनें। जहां पहुँचे हैं, वहीं न रुकें। आपका संघर्ष समाजसेवा की प्रेरणा बने। स्थिरता के बाद भी समाज के लिए कुछ करने की भावना बनाए रखें। मनुष्य का कार्य ही उसे अमर बनाता है। कार्य के माध्यम से ही व्यक्ति जीवित रहता है। अपने कार्य को ही अपनी पहचान बनाएं, कार्यक्रम में उपस्थित सभी युवाओं का मुख्यमंत्री फडणवीस द्वारा  सम्मान भी किया गया।
इस अवसर पर विनायक विश्वकर्मा नामक युवक ने मुख्यमंत्री के प्रति    आभार व्यक्त करते हुए भावनात्मक कविता प्रस्तुत की :
आज कुछ लेने नहीं, देने आया हूँ सर,
आपने आरक्षण दिया, गरीबी से ऊपर आया हूँ,
आप मुख्यमंत्री महाराष्ट्र के,
पर हम आपको ‘देवा भाऊ’ ही कहेंगे।

इन पंक्तियों ने भावनात्मक माहौल बना दिया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, इस कविता में झलकती कृतज्ञता ही इस निर्णय की असली पहचान है। अगर समाज को लौटाने की भावना हर किसी में जागे, तो वही असली परिवर्तन है।
युवाओं ने भी अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि इस आरक्षण ने उन्हें शिक्षा, रोजगार और सम्मान से जीने का अवसर दिया। आज हम अन्य अनाथ बच्चों के लिए प्रेरणा हैं। कार्यक्रम का संचालन पुलिस निरीक्षक अभय तेली ने किया और आभार प्रदर्शन वृद्धाश्रम के संचालक मनोज पांचाल ने किया।

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