महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के चिकित्सा अधिकारियों की पूर्व अस्थायी सेवाकाल के ‘सेवा अवाधि छूट’ करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री प्रकाश आबिटकर ने कहा कि इस महत्वपूर्ण कदम से राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था में निश्चित रूप से गुणात्मक सुधार होगा।
इस निर्णय का सीधा लाभ 150 चिकित्सा अधिकारियों को मिलेगा, जिन्हें विभिन्न आर्थिक और प्रशासनिक लाभ प्राप्त होंगे। मुंबई स्थित स्वास्थ्य भवन में आयोजित कार्यक्रम में मंत्री आबिटकर ने पात्र अधिकारियों को ‘सेवा अवधि छूट’ पत्रों का प्रातिनिधिक वितरण किया।
2009 से पहले सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग में बड़ी संख्या में चिकित्सक अस्थायी रूप से कार्यरत थे। वर्ष 2009 में उन्हें शासकीय सेवा में समाविष्ट किया गया, परंतु ‘सेवा अवधि छूट’ क्षमापित न होने के कारण वे अनेक लाभों से वंचित रहे। अब इस निर्णय से इन अधिकारियों की सतत सेवा को मान्यता मिलेगी। सभी पात्र अधिकारियों को पत्र पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से प्रदान किए गए हैं।
इस निर्णय से सभी संबंधित अधिकारियों को बड़ी राहत मिली है, और मंत्री आबिटकर ने स्पष्ट किया कि शेष पात्र अधिकारियों को भी जल्द ही पत्र प्रदान किए जाएंगे।
मंत्री आबिटकर ने कहा,“शासकीय स्वास्थ्य सेवा में कार्यरत चिकित्सा अधिकारियों को अधिक प्रभावी सेवा देनी चाहिए। नागरिकों को निजी अस्पतालों के बजाय सरकारी अस्पतालों पर विश्वास करना चाहिए। नक्सल-प्रभावित, पहाड़ी और आदिवासी क्षेत्रों में कार्यरत डॉक्टरों और कर्मचारियों को वेतन सहित विशेष प्रोत्साहन अनुदान देने के लिए प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा गया है।”
उन्होंने आगे बताया कि शासन ने सरकारी अस्पतालों को विशेष इंसेंटिव फंड देने का निर्णय लिया है, जिससे अत्याधुनिक सर्जरी, विशेष उपचार तथा विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपलब्धता बढ़ाई जाएगी। इससे अस्पतालों को आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी और सेवा गुणवत्ता में सुधार होगा।
महात्मा फुले जन आरोग्य योजना के तहत उपचार के लिए स्वीकृत रोगों की संख्या बढ़ाकर 2,399 कर दी गई है। मंत्री ने सभी चिकित्सा कर्मचारियों से समर्पण भाव से काम करने की अपील की।
कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे, जहां 150 पात्र चिकित्सा अधिकारियों को ‘सेवाखंड क्षमापित’ पत्र प्रदान किए गए।
इस निर्णय का सीधा लाभ 150 चिकित्सा अधिकारियों को मिलेगा, जिन्हें विभिन्न आर्थिक और प्रशासनिक लाभ प्राप्त होंगे। मुंबई स्थित स्वास्थ्य भवन में आयोजित कार्यक्रम में मंत्री आबिटकर ने पात्र अधिकारियों को ‘सेवा अवधि छूट’ पत्रों का प्रातिनिधिक वितरण किया।
2009 से पहले सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग में बड़ी संख्या में चिकित्सक अस्थायी रूप से कार्यरत थे। वर्ष 2009 में उन्हें शासकीय सेवा में समाविष्ट किया गया, परंतु ‘सेवा अवधि छूट’ क्षमापित न होने के कारण वे अनेक लाभों से वंचित रहे। अब इस निर्णय से इन अधिकारियों की सतत सेवा को मान्यता मिलेगी। सभी पात्र अधिकारियों को पत्र पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से प्रदान किए गए हैं।
इस निर्णय से सभी संबंधित अधिकारियों को बड़ी राहत मिली है, और मंत्री आबिटकर ने स्पष्ट किया कि शेष पात्र अधिकारियों को भी जल्द ही पत्र प्रदान किए जाएंगे।
मंत्री आबिटकर ने कहा,“शासकीय स्वास्थ्य सेवा में कार्यरत चिकित्सा अधिकारियों को अधिक प्रभावी सेवा देनी चाहिए। नागरिकों को निजी अस्पतालों के बजाय सरकारी अस्पतालों पर विश्वास करना चाहिए। नक्सल-प्रभावित, पहाड़ी और आदिवासी क्षेत्रों में कार्यरत डॉक्टरों और कर्मचारियों को वेतन सहित विशेष प्रोत्साहन अनुदान देने के लिए प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा गया है।”
उन्होंने आगे बताया कि शासन ने सरकारी अस्पतालों को विशेष इंसेंटिव फंड देने का निर्णय लिया है, जिससे अत्याधुनिक सर्जरी, विशेष उपचार तथा विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपलब्धता बढ़ाई जाएगी। इससे अस्पतालों को आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी और सेवा गुणवत्ता में सुधार होगा।
महात्मा फुले जन आरोग्य योजना के तहत उपचार के लिए स्वीकृत रोगों की संख्या बढ़ाकर 2,399 कर दी गई है। मंत्री ने सभी चिकित्सा कर्मचारियों से समर्पण भाव से काम करने की अपील की।
कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे, जहां 150 पात्र चिकित्सा अधिकारियों को ‘सेवाखंड क्षमापित’ पत्र प्रदान किए गए।

0 टिप्पणियाँ