मुंबई, दिसंबर (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
गोपीनाथ मुंडे किसान दुर्घटना सुरक्षा अनुग्रह योजना का लाभ अब महाडीबीटी पोर्टल के जरिए पूरी तरह ऑनलाइन उपलब्ध होगा। कृषि मंत्री दत्तात्रय भरणे ने बताया कि डिजिटल प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय किसानों को तुरंत मदद पहुंचने के लिए लिया है. खेती के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं में मृत्यु या अपंगता आने पर यह योजना किसानों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होती है। अब तक यह प्रक्रिया ऑफलाइन होती थी, जिसे अब पूर्ण रूप से डिजिटल किया गया है।
राज्य में खेती के दौरान विभिन्न कारणों से किसान दुर्घटनाओं का शिकार होते हैं, जिनमें मृत्यु या अपंगता की घटनाएं बार-बार सामने आती हैं। ऐसे समय पर त्वरित आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार 19 अप्रैल 2023 से यह योजना लागू की है। इस योजना में दुर्घटना के तहत किसान की मृत्यु होने पर ₹2 लाख तथा एक आंख या एक अंग के स्थायी रूप से निष्क्रिय होने पर ₹1 लाख की सहायता दी जाती है।
पहले किसानों या उनके वारिसों को तालुका कृषि अधिकारी कार्यालय में विस्तृत प्रस्ताव और आवश्यक कागदपत्र जमा कराने पड़ते थे। दस्तावेजों में त्रुटि और प्रक्रिया में विलंब के कारण सहायता वितरण में समय लगता था। इसे दूर करने के लिए सरकार ने पूरी प्रक्रिया को महाडीबीटी पोर्टल पर ऑनलाइन करने का निर्णय लिया है।
ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से दुर्घटना से प्रभावित किसान या उनके परिवारजन अपने घर से ही आवेदन कर सकेंगे। आवेदन की स्थिति भी पोर्टल पर देखी जा सकेगी। आवेदन भरने के बाद वह सीधे कृषि विभाग के संबंधित अधिकारियों तक पहुँचेगा। दस्तावेज़ों में कोई त्रुटि होने पर एसएमएस द्वारा सूचना भेजी जाएगी, जिससे अर्जदार बिना कार्यालय के चक्कर लगाए ऑनलाइन ही संशोधन कर सकेंगे।
तहसील कृषि अधिकारी कार्यालय प्रस्तावों की जांच करेगा, और तहसीलदार की अध्यक्षता वाली समिति मंजूरी देगी। इसके बाद स्वीकृत सहायता राशि सीधे डीबीटी के माध्यम से लाभार्थी के बैंक खाते में जमा होगी। 2025–26 के लिए इस योजना हेतु ₹120 करोड़ का प्रावधान किया गया है, और अब तक 4,359 किसानों के प्रस्ताव पर ₹88.19 करोड़ सीधे उनके बैंक खातों में जमा किए गए हैं।
कृषि मंत्री दत्तात्रय भरणे ने कहा कि महाडीबीटी पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन प्रक्रिया लागू होने से योजना अधिक तेज, पारदर्शी और किसान-केंद्रित बनेगी।
राज्य में खेती के दौरान विभिन्न कारणों से किसान दुर्घटनाओं का शिकार होते हैं, जिनमें मृत्यु या अपंगता की घटनाएं बार-बार सामने आती हैं। ऐसे समय पर त्वरित आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार 19 अप्रैल 2023 से यह योजना लागू की है। इस योजना में दुर्घटना के तहत किसान की मृत्यु होने पर ₹2 लाख तथा एक आंख या एक अंग के स्थायी रूप से निष्क्रिय होने पर ₹1 लाख की सहायता दी जाती है।
पहले किसानों या उनके वारिसों को तालुका कृषि अधिकारी कार्यालय में विस्तृत प्रस्ताव और आवश्यक कागदपत्र जमा कराने पड़ते थे। दस्तावेजों में त्रुटि और प्रक्रिया में विलंब के कारण सहायता वितरण में समय लगता था। इसे दूर करने के लिए सरकार ने पूरी प्रक्रिया को महाडीबीटी पोर्टल पर ऑनलाइन करने का निर्णय लिया है।
ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से दुर्घटना से प्रभावित किसान या उनके परिवारजन अपने घर से ही आवेदन कर सकेंगे। आवेदन की स्थिति भी पोर्टल पर देखी जा सकेगी। आवेदन भरने के बाद वह सीधे कृषि विभाग के संबंधित अधिकारियों तक पहुँचेगा। दस्तावेज़ों में कोई त्रुटि होने पर एसएमएस द्वारा सूचना भेजी जाएगी, जिससे अर्जदार बिना कार्यालय के चक्कर लगाए ऑनलाइन ही संशोधन कर सकेंगे।
तहसील कृषि अधिकारी कार्यालय प्रस्तावों की जांच करेगा, और तहसीलदार की अध्यक्षता वाली समिति मंजूरी देगी। इसके बाद स्वीकृत सहायता राशि सीधे डीबीटी के माध्यम से लाभार्थी के बैंक खाते में जमा होगी। 2025–26 के लिए इस योजना हेतु ₹120 करोड़ का प्रावधान किया गया है, और अब तक 4,359 किसानों के प्रस्ताव पर ₹88.19 करोड़ सीधे उनके बैंक खातों में जमा किए गए हैं।
कृषि मंत्री दत्तात्रय भरणे ने कहा कि महाडीबीटी पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन प्रक्रिया लागू होने से योजना अधिक तेज, पारदर्शी और किसान-केंद्रित बनेगी।
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