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ऊर्जा क्षेत्र में ‘एआई’ तकनीक के माध्यम से नई शुरुआत : मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस

• महावितरण में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधारित डिजिटलीकरण
• द रॉकफेलर फाउंडेशन (USA), ग्लोबल एनर्जी अलायंस फॉर पीपल एंड प्लैनेट तथा ऊर्जा विभाग का संयुक्त उपक्रम

 

मुंबई, दिसंबर (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क) 
राज्य में सौर ऊर्जा तथा अन्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के लिए डिजिटल ट्विन’ मॉडल विकसित कर विद्युत वितरण प्रणाली को सुदृढ़ बनाया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के सहयोग से महावितरण में एआई-आधारित डिजिटलीकरण लागू किया जा रहा है। इस उपक्रम के माध्यम से महाराष्ट्र के ऊर्जा क्षेत्र में एआई तकनीक द्वारा पर्यावरण-अनुकूल एवं सतत आर्थिक विकास की शुरुआत हुई हैऐसा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा।
महावितरण (MSEDCL), द रॉकफेलर फाउंडेशन (RF), ग्लोबल एनर्जी अलायंस फॉर पीपल एंड प्लैनेट (GEAPP), तथा ऊर्जा विभाग संयुक्त रूप से यह पहल लागू कर रहे हैं।
इस वर्ष जनवरी में मुख्यमंत्री फडणवीस और रॉकफेलर फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. राजीव शाह के बीच हुई चर्चा में विद्युत वितरण प्रणाली में डिजिटल ट्विन’ का अभिनव विचार सामने आया। ऊर्जा विभाग स्वयं मुख्यमंत्री के पास होने के कारण उन्होंने महाराष्ट्र के ऊर्जा क्षेत्र के लिए यह क्रांतिकारी निर्णय लिया।
RF और GEAPP जैसे संस्थानों के सहयोग से विकसित यह उन्नत एआई-आधारित वैश्विक प्लेटफॉर्म देश के अन्य ऊर्जा वितरण कंपनियों के लिए आदर्श मानक बनेगा, मुख्यमंत्री ने कहा।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने डॉ. शाह की सकारात्मक भूमिका पर संतोष व्यक्त किया। ग्राहक सेवाओं में सुधार और महावितरण को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए एआई-आधारित निर्णय-सहायक प्रणाली अत्यंत उपयोगी साबित होगी।
यह पहला अवसर है जब बिजली वितरण के लिए डिजिटल ट्विन’ विकसित किया जा रहा है। इस अभिनव एआई उपक्रम से ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यावरण-अनुकूल हरित ऊर्जा का उपयोग बड़ी मात्रा में बढ़ेगा।
 
डिजिटलीकरण उपक्रम : महाराष्ट्र की प्रगति
 
ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों और उपभोक्ताओं को अधिक विश्वसनीय और सुगम बिजली उपलब्ध कराने में यह तकनीक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। वैश्विक एआई तकनीक और ऊर्जा-क्षेत्र के सहयोग से महाराष्ट्र में उन्नत डिजिटल प्रणाली लागू होगीजिससे बिजली प्रवाह की सटीकताक्षेत्रीय कार्यकुशलता तथा ऊर्जा प्रबंधन में सुधार होगा।
 
इस परियोजना के तहत बिजली नेटवर्क का डिजिटल मॉडल तैयार किया जा रहा हैजिससे पावर-फ्लो विश्लेषणग्रीड ऑप्टिमाइजेशनआउटेज प्लानिंग और नवीकरणीय ऊर्जा का बेहतर एकीकरण संभव होगा। विद्युत लाइनों के रखरखाव की बेहतर योजना व किसानों के लिए सौर ऊर्जा उपयोग को भी यह प्रणाली बढ़ावा देगी।
डिजिटल प्रणाली महावितरण में लागू की जा रही हैजिससे जटिल तकनीकी समस्याओं के समाधान की शुरुआत हो रही है।
 
हरित ऊर्जा की ओर आत्मनिर्भर प्रगति
ऊर्जा विभाग के अनुसार यह परिवर्तन ऊर्जा क्षेत्र में बड़े परिणाम देने वाला है। डिजिटल परिवर्तन से परियोजना-स्तर पर त्वरित निर्णय-क्षमताग्रीड की कार्यक्षमता और सौर ऊर्जा के उपयोग में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। हरित ऊर्जा के बढ़ते उपयोग से प्रदूषण में भी कमी आएगी।
बिजली वितरण में केवल 1% तकनीकी हानि में कमी आने से प्रति वर्ष ₹10001500 करोड़ की बचत संभव है।
 
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व
अंतरराष्ट्रीय सहयोग से यह उपक्रम भारत जैसे तेजी से आगे बढ़ते देश में स्थिर बिजली आपूर्ति और ग्रामीण क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण विद्युत सेवाओं को सुनिश्चित करने में मील का पत्थर साबित हो सकता है। आधुनिक और सतत ऊर्जा प्रणाली विकसित करने में महाराष्ट्र को महत्वपूर्ण योगदान देने का अवसर प्राप्त हुआ है।
 
ऊर्जा क्षेत्र में नया युग
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और डिजिटलीकरण की मदद से महावितरण राज्य की ऊर्जा संरचना का आधुनिकीकरण कर रहा हैजिससे एक नए युग की शुरुआत होगी।
 
मुख्य उद्देश्य
बिजली प्रवाहग्रीड अनुकूलन तथा नवीकरणीय ऊर्जा का प्रभावी एकीकरण
ग्राहक सेवाओं एवं वितरण कार्यकुशलता में सुधार
बिजली लाइनों के रखरखाव और योजना में उन्नती
ग्रामीण उपभोक्ता एवं किसानों के लाभ
सौर ऊर्जा का बढ़ता उपयोग
ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक विश्वसनीय व निर्बाध बिजली उपलब्धता
आर्थिक एवं पर्यावरणीय प्रभाव
 
प्रति वर्ष 10001500 करोड़ की बचत
हरित ऊर्जा से प्रदूषण में कमी

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