पहले चित्र में समाजसेविका मंदाकिनी महेश नलावडे, महेश नलावडे व उनके सहयोगी कूड़े-कचरे के ढेर पर बैठकर सुस्त प्रशासन का निषेध करते हुए और दूसरे चित्र में समाजसेविका मंदाकिनी महेश नलावडे के आन्दोलन के कारण प्रशासन जेसीबी मशीन द्वारा कूड़ा-कचरा साफ करते हुए।
मांजरी, फरवरी (ह.ए. प्रतिनिधि)
जिस परिसर के उद्योगपति देश के स्वच्छता दूत के रूप में नियुक्त किए जाते हैं, उसी परिसर (मांजरी) में कूड़े-कचरे का साम्राज्य निर्माण हो गया, जिसके चलते नागरिकों के स्वास्थ्य को खतरा पैदा हो गया था। 15 दिनों में फैला हुआ कूड़ा-कचरा साफ नहीं किया गया तो कचरा उठाकर महापौर के निवासस्थान पर फेंकने की चेतावनी मांजरी ग्रामपंचायत की पूर्व सदस्या मंदाकिनी महेश नलावडे ने दी थी। उनके आंदोलन को गंभीरता से लेते हुए मांजरी परिसर का कूड़ा-कचरा प्रशासन द्वारा साफ कर दिया गया है।
मांजरी परिसर के कूड़े-कचरे की समस्या की ओर प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने हेतु सामाजिक कार्यकर्ता महेश नलावडे, मंदाकिनी नलावडे व उनके सहयोगियों ने कूड़े-कचरे के ढेर पर बैठकर सुस्त प्रशासन का तीव्र शब्दों में निषेध किया। इस अवसर पर यहां पितांबर धिवार, कुलदीप यादव, अशोक पोल, श्रीपाद घुले, राजू तावरे, आशा पाटिल, विमल पाटिल, रोहिणी गरड, विजया पोल, उषा माली, लता खबाले, ताई सुपे आदि उपस्थित थे।
मांजरी ग्रामपंचायत की पूर्व सदस्या मंदाकिनी महेश नलावडे द्वारा किए गए आन्दोलन को गंभीरता से लेते हुए तुरंत प्रशासन द्वारा आवश्यक कदम उठाकर मांजरी परिसर में फैले कूड़े-कचरे को साफ कर दिया गया है।
समाजसेवक महेश नलावडे ने बताया कि मांजरी ग्रामपंचायत का महानगरपालिका में समावेश किया गया है। महानगरपालिका ने अब तक गांवों की समावेश प्रक्रिया शुरू नहीं की है। ग्रामपंचायत ने अपनी जिम्मेदारी से झटककर कचरा उठाना बंद किया है और महानगरपालिका अनदेखा कर रही है। विश्व को नवसंजीवनी देनेवाला कोरोना टीका जहां निर्माण होता है, वहां के मांजरी, महादेवनगर परिसर में कूड़े-कचरे का साम्राज्य, ट्रैफिक जाम, पानी आपूर्ति की कठिनाई जैसी अनेक समस्याओं से निवासी पीड़ित हैं। महानगरपालिका व ग्रामपंचायत में भारतीय जनता पार्टी की सत्ता है, वह स्वार्थ की राजनीति कर रही है, जिसका हम निषेध करते हैं।


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