हड़पसर,जनवरी (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज़ नेटवर्क)
विभिन्न क्षेत्रों में मेधावी व्यक्तियों को खोजकर उन्हें पुरस्कार के रूप में प्रोत्साहित करके दूसरों को भी उनसे प्रेरणा मिले, इस मुख्य उद्देश्य से लोककल्याण प्रतिष्ठान का जारी कार्य प्रशंसनीय है। लोककल्याण प्रतिष्ठान के अध्यक्ष राजाभाऊ होले का कार्य सामाजिक प्रतिबद्धता की भावना देता है। यह विचार संत संताजी महाराज के 14 वें वंशज जनार्दन महाराज जगनाडे ने व्यक्त किये।
लोककल्याण प्रतिष्ठान की ओर से विविध क्षेत्रों में कार्य करनेवाले नवरत्नों को 13 वां लोककल्याण साधना गौरव पुरस्कार जनार्दन महाराज जगनाडे के शुभहाथों प्रदान करके सम्मानित किया गया, तब आयोजित समारोह में वे बोल रहे थे। इस अवसर पर यहां लोककल्याण प्रतिष्ठान के अध्यक्ष राजाभाऊ होले, कार्याध्यक्ष हरिश्चंद्र कुलकर्णी, उपाध्यक्ष दिलीप भामे, प्रा.एस.टी. पवार, इंद्रपाल हत्तरसंग, रमेश निवंगुणे, अमित हरपले, सचिन गायकवाड, अजय कुदले आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे। लोककल्याण समाज साधना गौरव पुरस्कार- डॉ. सुनील घागरे, ज्ञान साधना- महादेव शिवरकर, क्रीड़ा साधना- तानाजी देशमुख, उद्योग साधना- सागर पिलाणे, धर्म साधना- महादेव कदम, सहकार साधना- दीपक जवंजाल, पत्रकार साधना- वसंत वाघमारे, कला साधना- लखन कसबे, साथ ही मातृ-पितृ गौरव छाया शामकुमार वेदपाठक को प्रदान किया गया है। पुरस्कार का स्वरुप सम्मानचिन्ह, सम्मानपत्र, शाल, श्रीफल था।
समाज को सामाजिक प्रतिबद्धता की भावना, उन्नति की राह, सही दिशा देने में अहम भूमिका एवं योगदान देनेवाले विभिन्न क्षेत्रों के मेधावी नवरत्नों को उनके द्वारा जारी विधायक व समाज के प्रति पूर्ण रूप से समर्पित होकर जो समाज में नव क्रांति लाने का जज्बा रखनेवाले समाजरत्नों को लोककल्याण साधना गौरव पुरस्कार से पुरस्कृत करते हुए उनके द्वारा जारी कार्यों का एक तरह से सराहना की गई है। यह विचार समारोह के आयोजक लोककल्याण प्रतिष्ठान के अध्यक्ष राजाभाऊ होले ने व्यक्त किए।
समारोह का प्रास्ताविक दिलीप भामे ने किया। सूत्र-संचालन प्रदीप जगताप व आभार प्रदर्शन वर्षा शेंडे ने किया।
विभिन्न क्षेत्रों में मेधावी व्यक्तियों को खोजकर उन्हें पुरस्कार के रूप में प्रोत्साहित करके दूसरों को भी उनसे प्रेरणा मिले, इस मुख्य उद्देश्य से लोककल्याण प्रतिष्ठान का जारी कार्य प्रशंसनीय है। लोककल्याण प्रतिष्ठान के अध्यक्ष राजाभाऊ होले का कार्य सामाजिक प्रतिबद्धता की भावना देता है। यह विचार संत संताजी महाराज के 14 वें वंशज जनार्दन महाराज जगनाडे ने व्यक्त किये।
लोककल्याण प्रतिष्ठान की ओर से विविध क्षेत्रों में कार्य करनेवाले नवरत्नों को 13 वां लोककल्याण साधना गौरव पुरस्कार जनार्दन महाराज जगनाडे के शुभहाथों प्रदान करके सम्मानित किया गया, तब आयोजित समारोह में वे बोल रहे थे। इस अवसर पर यहां लोककल्याण प्रतिष्ठान के अध्यक्ष राजाभाऊ होले, कार्याध्यक्ष हरिश्चंद्र कुलकर्णी, उपाध्यक्ष दिलीप भामे, प्रा.एस.टी. पवार, इंद्रपाल हत्तरसंग, रमेश निवंगुणे, अमित हरपले, सचिन गायकवाड, अजय कुदले आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे। लोककल्याण समाज साधना गौरव पुरस्कार- डॉ. सुनील घागरे, ज्ञान साधना- महादेव शिवरकर, क्रीड़ा साधना- तानाजी देशमुख, उद्योग साधना- सागर पिलाणे, धर्म साधना- महादेव कदम, सहकार साधना- दीपक जवंजाल, पत्रकार साधना- वसंत वाघमारे, कला साधना- लखन कसबे, साथ ही मातृ-पितृ गौरव छाया शामकुमार वेदपाठक को प्रदान किया गया है। पुरस्कार का स्वरुप सम्मानचिन्ह, सम्मानपत्र, शाल, श्रीफल था।
समाज को सामाजिक प्रतिबद्धता की भावना, उन्नति की राह, सही दिशा देने में अहम भूमिका एवं योगदान देनेवाले विभिन्न क्षेत्रों के मेधावी नवरत्नों को उनके द्वारा जारी विधायक व समाज के प्रति पूर्ण रूप से समर्पित होकर जो समाज में नव क्रांति लाने का जज्बा रखनेवाले समाजरत्नों को लोककल्याण साधना गौरव पुरस्कार से पुरस्कृत करते हुए उनके द्वारा जारी कार्यों का एक तरह से सराहना की गई है। यह विचार समारोह के आयोजक लोककल्याण प्रतिष्ठान के अध्यक्ष राजाभाऊ होले ने व्यक्त किए।
समारोह का प्रास्ताविक दिलीप भामे ने किया। सूत्र-संचालन प्रदीप जगताप व आभार प्रदर्शन वर्षा शेंडे ने किया।

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