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मन से मन तक संवाद जोड़नेवाली पत्रलेखन को संरक्षित करना समय की जरूरत : जयवंत हापन

हड़पसर, अप्रैल (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज़ नेटवर्क)
एक समय में मन से मन तक संवाद जोड़नेवाली पत्रलेखन की मानसिकता समय चक्र की सीमा में खोती जा रही है। उसे संरक्षित करना समय की जरूरत है। यह मत वरिष्ठ कवि एवं साहित्यिक जयवंत हापन ने व्यक्त किया। 
हड़पसर साहित्य व संस्कृति मंडल, शिवसमर्थ, सिद्धेश्वर बहुउद्देशीय संस्था व संस्कार विश्व की ओर से पांचवें पत्र लेखन प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरण समारोह में कवि जयवंत हापन बोल रहे थे। इस अवसर पर सफल प्रतिभागियों को नकद राशि व प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया। पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र वरिष्ठ कवि जयवंत हापन ने प्रदान किए।
कवि जयवंत हापन ने आगे कहा कि तकनीक ने लोगों को एक-दूसरे के करीब ला दिया है, लेकिन दिमाग और विचार एक-दूसरे से बहुत दूर जा रहे हैं। इसे समय रहते महसूस किया जाना चाहिए। हमें आगे आना होगा और मायावी दुनिया में खोती जा रही इस मानसिकता को दूर करना होगा। जीवन में कितनी भी तकनीक आ जाए, पढ़ने, लिखने, सोचने और ध्यान का कोई विकल्प नहीं है। 
इस मौके पर सबसे कम उम्र की आशा शिंदे ने उम्र महज 81 साल मौजूद रहीं। इस मौके पर आशा शिंदे, दुर्गेश पिंगले आदि ने विचार व्यक्त किए।
प्रस्ताविक करते हुए हड़पसर साहित्य व संस्कृती मंडल के प्रमुख सुधीर मेथेकर ने कहा कि इंटरनेट की इस दुनिया में आपकी पसंद के बजाए चयन को बहुत महत्व है, उस पर ही आपका भविष्य और दुनिया का भविष्य  निर्भर करता है। पत्र लेखन प्रतियोगिता में भाग लेने वालों को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित भी किया गया। 
पुरस्कार वितरण समारोह का नियोजन मनीषा दीपक वाघमारे व पार्थ वाघमारे द्वारा सफलतापूर्वक किया गया। शिवसमर्थ बहुउद्देशीय संस्था की प्रमुख मनीषा वाघमारे ने आभार प्रदर्शन किया।

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