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धनगर समाज को आरक्षण देने को लेकर सरकार सकारात्मक : मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे

मुंबई, सितंबर (महासंवाद)
सरकार धनगर समाज के साथ है और आरक्षण को लेकर धनगर समाज की भूमिका वही है जो सरकार की है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि धनगर आरक्षण को लेकर सरकार सकारात्मक है।
धनगर समाज आरक्षण को लेकर आज सह्याद्रि गेस्ट हाउस में बैठक हुई। बैठक में उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस, उप मुख्यमंत्री अजीत पवार, राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं बहुजन कल्याण मंत्री अतुल सावे, ग्रामीण विकास मंत्री गिरीश महाजन, विधायक राम शिंदे, गोपीचंद पडलकर, पूर्व विधायक दत्ता भरणे उपस्थित थे। पूर्व विधायक रामहरि रूपनवार, यशवन्त सेना के बालासाहब, प्रदेश अध्यक्ष माणिकराव दांगड़े, राष्ट्रीय संगठक गोविंद नरवाटे, प्रदेश महासचिव नितिन धायगुड़े, प्रदेश उपाध्यक्ष साधन पाटिल, बबनराव रांगे, राजेंद्र रामचन्द्र डांगे एवं धनगर समाज के प्रतिनिधि उपस्थित थे। इस बैठक में प्रारंभ में धनगर समाज के प्रतिनिधियों ने अपने विचार प्रस्तुत किये।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री शिंदे ने कहा कि सरकार जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लेना चाहती। धनगर समाज को आरक्षण दिलाना हमारी भूमिका है, जो कोर्ट में टिक सके। मध्य प्रदेश, बिहार और तेलंगाना राज्यों में सरकारी निर्णय को लेकर कुछ समुदायों को जाति प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया गया है। उन राज्यों के कामकाज का अध्ययन करने के लिए धनगर समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ एक सरकारी प्रतिनिधिमंडल भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने धनगर समाज के प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि इस प्रतिनिधिमंडल की रिपोर्ट देश के अटॉर्नी जनरल को भेजी जाएगी और राज्य सरकार के स्तर पर ऐसा निर्णय लेने के लिए मार्गदर्शन लिया जाएगा।
साथ ही, यदि सरकार की निर्णय लेने की प्रक्रिया में कोई समस्या आती है, तो आवश्यकतानुसार धनगर समुदाय के आरक्षण का अध्ययन करने के लिए पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति नियुक्त की जाएगी। इस समिति में धनगर समाज के प्रतिनिधि शामिल होंगे। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आदिवासियों की तर्ज पर लागू की गई योजनाओं का लाभ धनगर समुदाय के लोगों को प्रभावी ढंग से दिया जाएगा और आंदोलन के दौरान धनगर समुदाय के सदस्यों के खिलाफ दर्ज किए गए अपराध वापस लिए जाएंगे।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री फड़णवीस ने कहा कि धनगर समाज आरक्षण को लेकर सरकार संवेदनशील है। हमारा प्रयास है कि इस समस्या का समाधान हो। इस कारण आरक्षण मिलने से पहले टीआयएसएस की रिपोर्ट के आधार पर धनगर समाज को आदिवासी भाइयों की तर्ज पर योजनाओं का लाभ दिया गया। सरकार ने इसके लिए 10 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। सरकार ने हाई कोर्ट में भी धनगर समाज की मांग पर पूरक भूमिका निभाई है, लेकिन संविधान में वर्णित तकनीकी प्रक्रिया के बिना आरक्षण संभव नहीं है। इस तकनीकी प्रक्रिया को पूरा करने के बाद धनगर समाज को आरक्षण दिया जाएगा।
उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि धनगर समाज आरक्षण को लेकर कोई रास्ता निकालने के लिए देश के अटॉर्नी जनरल की राय ली जाएगी। धनगर समाज के लिए राज्य सरकार द्वारा लागू की गई योजनाओं को धन की कमी नहीं होने दी जाएगी।
इस अवसर पर राजस्व मंत्री विखे पाटिल सहित धनगर समाज के प्रतिनिधियों ने अपने विचार व्यक्त किये।

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