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जिला सतर्कता एवं नियंत्रण समिति की बैठक सम्पन्न : एट्रोसिटी के तहत दर्ज अपराधों की गई समीक्षा

पुणे, अक्टूबर (जिमाका)
पुणे जिला सतर्कता एवं नियंत्रण समिति की बैठक हाल ही में उपजिलाधिकारी श्रीमती अस्मिता मोरे की अध्यक्षता में जिलाधिकारी कार्यालय में संपन्न हुई। इस बैठक में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के तहत दर्ज अपराधों की समीक्षा की गई। 
जिन मामलों में दस्तावेजों की कमी के कारण वित्तीय सहायता लंबित हैं, संबंधित विभागों को तत्काल कार्रवाई करने और उक्त दस्तावेजों को सहायक आयुक्त समाज कल्याण के कार्यालय में उपलब्ध कराने के निर्देश उपजिलाधिकारी श्रीमती अस्मिता मोरे द्वारा दिए गए हैं।
जैसे ही एट्रोसिटी अपराध का मामला दर्ज किया जाता है, पुलिस विभाग को तुरंत सहायक आयुक्त, समाज कल्याण पुणे और नागरिक अधिकार संरक्षण शाखा को एक रिपोर्ट सौंपनी चाहिए और पीड़ित व्यक्तियों का जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए पुलिस विभाग को संबंधित पीड़ितों से अनुवर्ती करनी चाहिए। यह निर्देश सहायक आयुक्त समाज कल्याण विशाल लोंढे ने दिये। 
पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस आयुक्तालय के सहायक पुलिस आयुक्त भास्कर डेरे, पुणे ग्रामीण के पुलिस उपाधीक्षक युवराज मोहिते, ससून अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी गौतम वाघमारे, पुणे शहर पुलिस आयुक्तालय के प्रतिनिधियों के साथ समिति के गैर-सरकारी सदस्य संतोष चंद्रकांत शेलार, हनुमंत पाटोले, संतोष कांबले बैठक में उपस्थित थे।

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