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डीएससी ए20 (पहले डाइविंग सपोर्ट क्राफ्ट) को कमीशन किया गया

भारतीय नौसेना ने 16 दिसंबर, 2025 को कोच्चि नौसेना बेस में आयोजित एक समारोह के दौरान पांच गोताखोरी सहायक जहाजों (डीएससी) में से पहले पोत डीएससी ए20 को औपचारिक रूप से नौसेना में कमीशन किया। इन जहाजों को मेसर्स टिटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड द्वारा स्वदेशी रूप से निर्मित किया जा रहा है।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता दक्षिणी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल समीर सक्सेना ने की, जबकि इसकी मेजबानी युद्धपोत उत्पादन एवं अधिग्रहण नियंत्रक वाइस एडमिरल संजय साधु ने की। समारोह में नौसेना के वरिष्ठ अधिकारी, कोलकाता स्थित मेसर्स टिटागढ़ रेल सिस्टम लिमिटेड के प्रतिनिधि और अन्य विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे।
पांच गोताखोरी सहायक जहाजों के निर्माण का अनुबंध 12 फरवरी, 2021 को रक्षा मंत्रालय और कोलकाता स्थित मेसर्स टिटागढ़ रेल सिस्टम लिमिटेड के बीच हस्ताक्षरित किया गया था। डिजाइन चरण के दौरान जहाज का विस्तृत हाइड्रोडायनामिक विश्लेषण एवं मॉडल परीक्षण विशाखापत्तनम स्थित नौसेना विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (एनएसटीएल) में किया गया।
डीएससी ए20 का डिजाइन और निर्माण इंडियन रजिस्टर ऑफ शिपिंग (आईआरएस) के वर्गीकरण नियमों के अनुरूप किया गया है। यह कैटामारन-ढांचे वाला जहाज है, जिसका विस्थापन लगभग 390 टन है। यह पोत अत्याधुनिक गोताखोरी उपकरणों से सुसज्जित है, जो तटीय जलक्षेत्रों में जल के भीतर मरम्मत एवं निरीक्षण, बंदरगाह की सफाई तथा अन्य महत्वपूर्ण गोताखोरी अभियानों में प्रमुख भूमिका निभाएगा।
डीएससी ए20 का कमीशन होना भारतीय नौसेना के स्वदेशी जहाज निर्माण प्रयासों में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह भारत सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण को साकार करती है। भारतीय नौसेना में इस प्रकार के विशेष पोतों का स्वदेशी निर्माण होना घरेलू क्षमताओं के सुदृढ़ीकरण, आत्मनिर्भरता में वृद्धि और आयात पर निर्भरता में कमी का सशक्त प्रमाण है।

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