पुणे, सितंबर (जिमाका)
गणेशोत्सव के अवसर पर पुणे के पर्यटन को बढ़ावा देने और कला-संस्कृति का सुंदर प्रदर्शन प्रस्तुत करनेवाले 35 वें पुणे फेस्टिवल का उद्घाटन राज्य के पर्यटन मंत्री गिरीश महाजन ने किया। पुणे फेस्टिवल में कार्यक्रम की गुणवत्ता और कलाकारों को मिले प्रोत्साहन को देखते हुए यह महोत्सव 50 वर्ष पूरे होने का विश्वास व्यक्त करते हुए पर्यटन विभाग महोत्सव को समर्थन देना जारी रखेगा, यह आश्वासन श्री महाजन ने दिया।
गणेश कला क्रीड़ा रंगमंच पर आयोजित कार्यक्रम में राज्य के उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री और जिला के पालकमंत्री चंद्रकांतदादा पाटिल, पुणे फेस्टिवल के अध्यक्ष सुरेश कलमाडी, सांसद पद्मश्री हेमा मालिनी, रजनी पाटिल, श्रीरंग बारणे, विधायक नाना पटोले, रवींद्र धंगेकर, पुणे फेस्टिवल के उपाध्यक्ष कृष्णकुमार गोयल, मुख्य समन्वयक अभय छाजेड, उल्हास पवार, रमेश बागवे, मीरा कलमाडी आदि उपस्थित थे।
गणेशोत्सव के अवसर पर पुणे के पर्यटन को बढ़ावा देने और कला-संस्कृति का सुंदर प्रदर्शन प्रस्तुत करनेवाले 35 वें पुणे फेस्टिवल का उद्घाटन राज्य के पर्यटन मंत्री गिरीश महाजन ने किया। पुणे फेस्टिवल में कार्यक्रम की गुणवत्ता और कलाकारों को मिले प्रोत्साहन को देखते हुए यह महोत्सव 50 वर्ष पूरे होने का विश्वास व्यक्त करते हुए पर्यटन विभाग महोत्सव को समर्थन देना जारी रखेगा, यह आश्वासन श्री महाजन ने दिया।
गणेश कला क्रीड़ा रंगमंच पर आयोजित कार्यक्रम में राज्य के उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री और जिला के पालकमंत्री चंद्रकांतदादा पाटिल, पुणे फेस्टिवल के अध्यक्ष सुरेश कलमाडी, सांसद पद्मश्री हेमा मालिनी, रजनी पाटिल, श्रीरंग बारणे, विधायक नाना पटोले, रवींद्र धंगेकर, पुणे फेस्टिवल के उपाध्यक्ष कृष्णकुमार गोयल, मुख्य समन्वयक अभय छाजेड, उल्हास पवार, रमेश बागवे, मीरा कलमाडी आदि उपस्थित थे।
पर्यटनमंत्री श्री महाजन ने कहा कि सुरेश कलमाडी और इस महोत्सव का गहरा रिश्ता है। किसी कार्यक्रम को 35 वर्षों तक जारी रखना एक कठिन कार्य है, लेकिन इस महोत्सव को जारी रखने के लिए सभी ने कड़ी मेहनत की है। महोत्सव के कार्यक्रम को देखकर यह स्पष्ट है कि पुणे संस्कृति का घर है। लोकमान्य तिलक ने सार्वजनिक गणेशोत्सव प्रारम्भ किया और यह व्यापक हो गया। श्री महाजन ने यह भी कहा कि उन्हें कई वर्षों से पुणे महोत्सव देखने की इच्छा थी।
राज्य के उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री और पालकमंत्री चंद्रकांतदादा पाटिल ने कहा कि पुणे फेस्टिवल को देशभर में ‘मदर ऑफ ऑल फेस्टिवल्स’ के नाम से जाना जाता है। यह कार्यक्रम और भी सुंदर हो और खूबसूरत बनाने के लिए सुरेश कलमाडी ने काफी मेहनत ली।
सांसद पद्मश्री हेमा मालिनी ने कहा पुणे आकर नृत्य प्रस्तुत करना गर्व की बात है। पुणे फेस्टिवल के जरिए देशभर के कलाकारों को सम्मानित किया जा रहा है। अपनी भावनाओं को ऐसे शब्दों में व्यक्त किया।
राज्य के उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री और पालकमंत्री चंद्रकांतदादा पाटिल ने कहा कि पुणे फेस्टिवल को देशभर में ‘मदर ऑफ ऑल फेस्टिवल्स’ के नाम से जाना जाता है। यह कार्यक्रम और भी सुंदर हो और खूबसूरत बनाने के लिए सुरेश कलमाडी ने काफी मेहनत ली।
सांसद पद्मश्री हेमा मालिनी ने कहा पुणे आकर नृत्य प्रस्तुत करना गर्व की बात है। पुणे फेस्टिवल के जरिए देशभर के कलाकारों को सम्मानित किया जा रहा है। अपनी भावनाओं को ऐसे शब्दों में व्यक्त किया।
सांसद श्रीमती पाटिल, श्री बारणे, विधायक नाना पटोले, पद्मविभूषण डॉ. के. एल. संचेती, उद्योगपति संजय घोडावत ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किये।
श्री सुरेश कलमाड़ी ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि पुणे महोत्सव की शुरुआत स्थानीय कलाकारों को मंच देने और देश भर में पुणे का नाम फैलाने के उद्देश्य से की गयी है। इस महोत्सव ने पुणे के सांस्कृतिक वैभव को बढ़ाने का काम किया।
इस अवसर पर वरिष्ठ हड्डी शल्य विशेषज्ञ चिकित्सक पद्म विभूषण डॉ. के. एच. संचेती को जीवन गौरव पुरस्कार और उद्योगपति संजय घोड़ावत को पुणे फेस्टिवल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। शताब्दी वर्ष मना रहे खड़कमाल आली सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल, श्री त्रिशुंड गणपति विजय मंडल ट्रस्ट और सदाशिव पेठ सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल को गणमान्य व्यक्तियों द्वारा सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत 50 कलाकारों द्वारा प्रस्तुत शंखनाद से हुई। पद्मश्री हेमा मालिनी और सह-कलाकारों ने नृत्य के माध्यम से गणेश वंदना की। नंदिनी राव गुजर ने तुलसीदास रचित गणेश स्तुति प्रस्तुत की। सानिया पाटणकर ने देशभक्ति गीत ‘ऐ मेरे वतन के लोगो’ पेश किया। इस अवसर पर सुखदा खांडकेकर एवं उनके साथियों ने नृत्य सीता यह रामायण की सीता के हरण के प्रसंग नृत्य नाटिका के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। नृत्य के माध्यम से वारकरी परम्परा के दर्शन कराये गये। शरवरी जेमिनीज़ और उनके सहयोगियों द्वारा प्रस्तुत नृत्य प्रदर्शन ‘हिस्टोरीकल एम्पायर्स ऑफ इंडिया’ को दर्शकों से उत्साहपूर्ण प्रतिक्रिया मिली। महाराष्ट्रीयन मंडल पुणे के एथलीटों ने कलात्मक योग के माध्यम से भारतीय योग परंपरा की अद्भुत प्रस्तुति दी। इस मौके पर हेमामालिनी के फिल्मी कैरियर पर आधारित एक नृत्य प्रस्तुति भी की गई। सांस्कृतिक कार्यक्रम का समापन लावणी फ्यूजन के साथ हुआ।
श्री सुरेश कलमाड़ी ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि पुणे महोत्सव की शुरुआत स्थानीय कलाकारों को मंच देने और देश भर में पुणे का नाम फैलाने के उद्देश्य से की गयी है। इस महोत्सव ने पुणे के सांस्कृतिक वैभव को बढ़ाने का काम किया।
इस अवसर पर वरिष्ठ हड्डी शल्य विशेषज्ञ चिकित्सक पद्म विभूषण डॉ. के. एच. संचेती को जीवन गौरव पुरस्कार और उद्योगपति संजय घोड़ावत को पुणे फेस्टिवल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। शताब्दी वर्ष मना रहे खड़कमाल आली सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल, श्री त्रिशुंड गणपति विजय मंडल ट्रस्ट और सदाशिव पेठ सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल को गणमान्य व्यक्तियों द्वारा सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत 50 कलाकारों द्वारा प्रस्तुत शंखनाद से हुई। पद्मश्री हेमा मालिनी और सह-कलाकारों ने नृत्य के माध्यम से गणेश वंदना की। नंदिनी राव गुजर ने तुलसीदास रचित गणेश स्तुति प्रस्तुत की। सानिया पाटणकर ने देशभक्ति गीत ‘ऐ मेरे वतन के लोगो’ पेश किया। इस अवसर पर सुखदा खांडकेकर एवं उनके साथियों ने नृत्य सीता यह रामायण की सीता के हरण के प्रसंग नृत्य नाटिका के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। नृत्य के माध्यम से वारकरी परम्परा के दर्शन कराये गये। शरवरी जेमिनीज़ और उनके सहयोगियों द्वारा प्रस्तुत नृत्य प्रदर्शन ‘हिस्टोरीकल एम्पायर्स ऑफ इंडिया’ को दर्शकों से उत्साहपूर्ण प्रतिक्रिया मिली। महाराष्ट्रीयन मंडल पुणे के एथलीटों ने कलात्मक योग के माध्यम से भारतीय योग परंपरा की अद्भुत प्रस्तुति दी। इस मौके पर हेमामालिनी के फिल्मी कैरियर पर आधारित एक नृत्य प्रस्तुति भी की गई। सांस्कृतिक कार्यक्रम का समापन लावणी फ्यूजन के साथ हुआ।



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