पुणे, सितंबर (जिमाका)
डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर अनुसंधान और प्रशिक्षण संस्था और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलॉजी के बीच महाराष्ट्र में अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए कौशल विकास गतिविधियों को लागू करने के लिए एक सामंजस्य करार किया गया।
समझौता ज्ञापन पर बार्टी के महासंचालक सुनील वारे और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलॉजी के कार्यकारी संचालक डॉ. जयराज किदव ने बार्टी के पुणे स्थित कार्यालय में हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर यहां एनआयईएलआयटी के सहसंचालक डॉ. लक्ष्मण कोर्रा, उपजिलाधिकारी और बार्टी के कौशल विकास विभाग के प्रमुख अनिल कारंडे, कार्यालय अधीक्षक प्रज्ञा मोहिते, प्रकल्प व्यवस्थापक महेश गवई उपस्थित थे।
यह पहल यानी बार्टी के कौशल विकास विभाग ने महाराष्ट्र में अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों को कुशल उन्नति के लिए, साथ ही आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में बेहतर नौकरी के अवसर प्रदान करने के लिए उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के कौशल और संसाधनों को एकत्रित करके, दोनों संगठन कौशल अंतर को पाटने और गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण के माध्यम से अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों को सशक्त बनाने का प्रयास करेंगे।
एनआयईएलआयटी महाराष्ट्र में अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों को औरंगाबाद केंद्र में कुल 68 पाठ्यक्रमों को उपलब्ध कराएगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम आवासीय और गैर-आवासीय पद्धति में होंगे।
साइबर सुरक्षा, क्लाउड कंप्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा एनालिटिक्स, एंड्रॉइड ऐप डेवलपर, पायथन का उपयोग करके मशीन लर्निंग, वेब डेवलपर, सिस्टम और नेटवर्किंग विशेषज्ञ, मल्टीमीडिया डेवलपर, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन, कंप्यूटर हार्डवेयर मेंटेनन्स, एंबेडेड एप्लिकेशन डेवलपमेंट यह पाठ्यक्रम अक्टूबर 2023 से शुरू होंगे।
अब तक बार्टी के कौशल विकास विभाग ने राज्य में अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के परिवारों की आजीविका के अवसरों को बढ़ाने और आय स्तर को बढ़ाने के लिए कई पहल की हैं। बार्टी के माध्यम से अनुसूचित जाति के विकास के लिए चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं एवं गतिविधियों का युवाओं को अधिक लाभ लेना चाहिए। यह अपील बार्टी के महासंचालक श्री वारे ने की है।
डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर अनुसंधान और प्रशिक्षण संस्था और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलॉजी के बीच महाराष्ट्र में अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए कौशल विकास गतिविधियों को लागू करने के लिए एक सामंजस्य करार किया गया।
समझौता ज्ञापन पर बार्टी के महासंचालक सुनील वारे और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलॉजी के कार्यकारी संचालक डॉ. जयराज किदव ने बार्टी के पुणे स्थित कार्यालय में हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर यहां एनआयईएलआयटी के सहसंचालक डॉ. लक्ष्मण कोर्रा, उपजिलाधिकारी और बार्टी के कौशल विकास विभाग के प्रमुख अनिल कारंडे, कार्यालय अधीक्षक प्रज्ञा मोहिते, प्रकल्प व्यवस्थापक महेश गवई उपस्थित थे।
यह पहल यानी बार्टी के कौशल विकास विभाग ने महाराष्ट्र में अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों को कुशल उन्नति के लिए, साथ ही आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में बेहतर नौकरी के अवसर प्रदान करने के लिए उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के कौशल और संसाधनों को एकत्रित करके, दोनों संगठन कौशल अंतर को पाटने और गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण के माध्यम से अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों को सशक्त बनाने का प्रयास करेंगे।
एनआयईएलआयटी महाराष्ट्र में अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों को औरंगाबाद केंद्र में कुल 68 पाठ्यक्रमों को उपलब्ध कराएगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम आवासीय और गैर-आवासीय पद्धति में होंगे।
साइबर सुरक्षा, क्लाउड कंप्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा एनालिटिक्स, एंड्रॉइड ऐप डेवलपर, पायथन का उपयोग करके मशीन लर्निंग, वेब डेवलपर, सिस्टम और नेटवर्किंग विशेषज्ञ, मल्टीमीडिया डेवलपर, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन, कंप्यूटर हार्डवेयर मेंटेनन्स, एंबेडेड एप्लिकेशन डेवलपमेंट यह पाठ्यक्रम अक्टूबर 2023 से शुरू होंगे।
अब तक बार्टी के कौशल विकास विभाग ने राज्य में अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के परिवारों की आजीविका के अवसरों को बढ़ाने और आय स्तर को बढ़ाने के लिए कई पहल की हैं। बार्टी के माध्यम से अनुसूचित जाति के विकास के लिए चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं एवं गतिविधियों का युवाओं को अधिक लाभ लेना चाहिए। यह अपील बार्टी के महासंचालक श्री वारे ने की है।

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