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अल्पसंख्यक समुदाय की विभिन्न समस्याओं के संबंध में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के सभाकक्ष में समीक्षा बैठक में लिए गए अहम फैसले

- महाज्योति, सारथी, बार्टी और मौलाना आजाद आर्थिक विकास निगम संस्थानों की योजनाओं में एकरूपता लाएंगे
- मौलाना आज़ाद विकास निगम की शेयरपूंजी में भारी वृद्धि करेंगे

मुंबई, सितंबर (महासंवाद)

महाज्योति, सारथी, बार्टी आदि संगठनों के माध्यम से क्रियान्वित योजनाओं में समानता लाने के लिए गठित की गई मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति की सिफारिश मौलाना आज़ाद आर्थिक विकास निगम में भी लागू करने और अदालत (न्यायिक आपत्ति) की ओर से बिना किसी रुकावट के 5 प्रतिशत शैक्षणिक आरक्षण लागू करने के संबंध में मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस से चर्चा के बाद निर्णय लिया जायेगा। यह घोषणा उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने मंत्रालय में हुई बैठक में की। मौलाना आज़ाद निगम द्वारा कार्यान्वित ऋण योजनाओं को केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में घोषित विश्वकर्मा योजना में जोड़ा जा सकता है या कैसे, निगम को इस मामले की भी जांच करनी चाहिए। यह निर्देश उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने दिए। 
महाराष्ट्र राज्य में अल्पसंख्यक समुदाय की विभिन्न समस्याओं को लेकर उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की अध्यक्षता में गुरुवार को उनके मंत्रालय के सभाकक्ष में समीक्षा बैठक हुई। इस अवसर पर अल्पसंख्यक विकास मंत्री अब्दुल सत्तार, चिकित्सा शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष संजय खोडके, जमीयत-ए-उलमा हिंद महाराष्ट्र के अध्यक्ष हाफ़िज़ मोहम्मद नदीम सिद्दीकी, वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. नितिन करीर, राजस्व विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. राजगोपाल देवड़ा, सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव नितिन गद्रे, कौशल विकास, उद्यमिता, शहरी विकास, अल्पसंख्यक विकास विभाग, ग्रामीण विकास, योजना, स्कूल शिक्षा, कानून और न्याय, जलापूर्ति और स्वच्छता, सामाजिक न्याय, महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण विभाग के सचिव प्रत्यक्ष तो छत्रपति संभाजीनगर और सोलापुर जिलों के जिलाधिकारी टेलीविजन के माध्यम से उपस्थित थे।
इस बैठक में मौलाना आजाद वित्तीय निगमों की शेयर पूंजी में बढ़ोतरी और सरकार की ओर से दी जाने वाली गारंटी पर भी चर्चा हुई। निगम की वर्तमान शेयर पूंजी 700 करोड़ रुपये है और इसे चरणबद्ध तरीके से बढ़ाकर 1000 करोड़ रुपये किया जाएगा, सरकार ने 30 करोड़ रुपये की ऋण गारंटी दी है। उसमें भी बढ़ोतरी कर उसे चरणबद्ध तरीके से 500 करोड़ रुपये तक ले जाया जायेगा। यह उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने स्पष्ट किया। निगम को मौलाना आज़ाद आर्थिक विकास निगम द्वारा जरूरतमंदों को दिए गए ऋण के दमनकारी नियमों और शर्तों पर पुनर्विचार करने का भी निर्देश अजीत पवार ने  दिए। पिछड़े वर्ग के मुस्लिम अल्पसंख्यकों के लिए सामाजिक और शैक्षणिक आरक्षण प्रदान करने के बारे में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से चर्चा करेंगे और देखेंगे कि कम से कम शैक्षणिक आरक्षण कैसे प्रदान किया जा सकता है। यह आश्वासन अजीत पवार ने दिया। इसके अलावा बैठक में पिछड़े वर्ग के मुस्लिम अल्पसंख्यकों के लिए विशेष पैकेज पर भी चर्चा हुई। 
वक्फ आय के संबंध में महाराष्ट्र राज्य के ग्राम फॉर्म नंबर 7/12 के उद्धरण के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में वक्फ आय के शीर्षक रिकॉर्ड में केवल संबंधित वक्फ संस्था का नाम दर्ज करना और अन्य वक्फों को “वक्फ प्रतिबंधित प्राधिकारी” के रूप में दर्ज किये जाने के संबंध में व्यापक अधिसूचना सरकार के सभी पुराने निर्णय की पुष्टि करके महाराष्ट्र राज्य में वक्फ संस्थानों की भूमि के संबंध में अधिकारों के रिकॉर्ड में वक्फ संस्थानों के नाम को लेकर अन्य वक्फ सदरी वक्फ प्रतिबंधित प्राधिकरण प्रपत्र और कानूनी उत्तराधिकारियों के पंजीकरण के संबंध में नए सरकारी निर्णय जारी करने के बारे में भी बैठक में चर्चा हुई। इस मामले में सभी कानूनी पहलुओं की जांच के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व) की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जानी चाहिए। इस समिति में अल्पसंख्यक विभाग के सचिव, उपमुख्यमंत्री के प्रधान सचिव, वक्फ बोर्ड के सदस्य सचिव को शामिल करना चाहिए। बैठक में हुई चर्चा के अनुसार 7/12 पर पहले वक्फ बोर्ड, इसके बाद ट्रस्ट और दूसरे अख्तियार में मुतलकी का नाम लिया जा सकता है, यह भी जांचना चाहिए, यह भी ध्यान रखा जाए कि किसी भी स्थिति में संपत्ति का स्वामित्व वक्फ बोर्ड के पास ही रहे। यह निर्देश भी अजीत पवार ने दिए। 
महाराष्ट्र राज्य वक्फ निगम के तत्वावधान में रहनेवाले वक्फ संस्थानों से वक्फ निधि, विलंब शुल्क, ऑडिट शुल्क, जीएसटी लिया जाता है, यह राशि अधिक रहने से कम किया जाना चाहिए। यह मांग जमीयत-ए-उलमा हिंद ने की थी। वक्फ फंड, जीएसटी को लेकर सरकार इस बारे में कुछ नहीं कर सकती। हालाँकि, विलंब शुल्क और ऑडिट शुल्क को कम करके विलंब शुल्क 1 हजार की जगह 500 रुपये, ऑडिट फीस 500 की जगह 200 रुपये, 2 हजार रुपये की जगह 500 रुपये और 5 हजार रुपए की जगह 1 हजार रुपए लिया जाए। यह निर्णय तुरंत लिया जा रहा है।  उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने यह घोषणा की। उपमुख्यमंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि छत्रपति संभाजीनगर में हज हाउस को तुरंत शुरू करने का निर्णय लिया गया है और जल्द ही इसका उद्घाटन किया जाएगा।
छत्रपति संभाजीनगर स्थित वक्फ बोर्ड के परिसर पर महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया है और इसे बोर्ड को वापस किया जाना चाहिए। इस मांग को लेकर चर्चा की गई। इस संबंध में भी अपर मुख्य सचिव (राजस्व) की कमेटी उचित समाधान निकाले। यह निर्देश अजीत पवार ने दिए। 
जमीयत-उलमा-ए-महाराष्ट्र संगठन ने सोलापुर शहर में शिक्षा और खेल के लिए आरक्षित सरकारी जमीन की मांग की है। अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व) ने बताया कि इस सरकारी जमीन के लिए कुछ और अल्पसंख्यक संगठनों ने भी आवेदन किए हैं। सरकार के अनुसार संगठन की पात्रता, जमीन को विकसित करने के लिए संगठन की वित्तीय क्षमता, संस्था की कार्यप्रणाली की जांच कर भूखंड को उपयुक्त संस्था को वितरित करने का निर्णय राजस्व विभाग को यथाशीघ्र लेना चाहिए।
राज्य में जिला परिषद, नगरपालिका एवं महानगरपालिका के अंतर्गत उर्दू माध्यम विद्यालयों में रिक्त पदों की पूर्ति के संबंध में, उर्दू शिक्षकों की भर्ती के लिए बिंदु सूची के अनुसार आरक्षित सीटों पर अभ्यर्थी उपलब्ध नहीं होने पर ओपन कैटेगरी से रिक्त पदों को भरने पर भी बैठक में चर्चा हुई। आरक्षण के अभ्यर्थी नहीं मिलने पर पदों को ओपन कैटेगरी से भरा जाए। इस प्रकार का सरकार के फैसले का मामला सामाजिक न्याय विभाग के सचिव ने निदर्शन में लाया। उर्दू शिक्षकों के पद बड़े पैमाने पर खाली होने से छात्रों को परेशानी हो रही है, इसलिए सरकार के इस फैसले को लागू कर महानगरपालिका, नगरपालिका और जिला परिषद को इन पदों को तुरंत भरने के बारे में तुरंत सूचित किया जाए। यहे आदेश भी उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने दिए। 
महाराष्ट्र राज्य वक्फ बोर्ड को वक्फ संपत्तियों की जमीन अधिग्रहण करते समय संपत्तियों का मुआवजा नहीं मिलता है। यह मामला निगम की ओर से भी उजागर किया गया। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव की एक समिति अध्ययन कर अनुशंसा करे। यह निर्देश अजीत पवार ने दिए। इस बैठक में अल्पसंख्यक आयुक्तालय के गठन को लेकर भी प्रारंभिक चर्चा हुई। इस समय एनसीपी उपाध्यक्ष और वरिष्ठ नेता संजय खोडके ने प्रौढ़ शिक्षा विभाग का कार्यभार कम कर दिया है। प्रौढ़ शिक्षा विभाग की जनशक्ति का उपयोग करने के लिए इस विभाग के कर्मचारियों को प्रस्तावित अल्पसंख्यक आयुक्तालय में शामिल किया जा सकता है, इसलिए आयुक्तालय के लिए कम पद सृजित करने होंगे और सरकार पर बोझ कम होगा। यह सुझाव दिया गया। इस मामले को अल्पसंख्यक विभाग को भी देखना चाहिए। यह निर्देश अजीत पवार ने दिए।

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